आज सुबह देखा जो ख़्वाब
सच कर दो
ख़्वाब में वो हुस्न-ए-महताब
सच कर दो
हुस्न-ए-महताब से मुलाकात
सच कर दो
मुलाक़ात में हुई जो बात
सच कर दो
बातों से पैदा हुए जज़्बात
सच कर दो
जज्बातों ने थामा मेरा हाथ
सच कर दो
हाथों में हाथ वाला यह ख़्वाब
सच कर दो
आज सुबह देखा जो ख़्वाब
सच कर दो
ख़्वाब में वो हुस्न-ए-महताब
सच कर दो
हुस्न-ए-महताब से मुलाकात
सच कर दो
मुलाक़ात में हुई जो बात
सच कर दो
बातों से पैदा हुए जज़्बात
सच कर दो
जज्बातों ने थामा मेरा हाथ
सच कर दो
हाथों में हाथ वाला यह ख़्वाब
सच कर दो
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