Category: Non-English Poems
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सच कर दो
आज सुबह देखा जो ख़्वाबसच कर दोख़्वाब में वो हुस्न-ए-महताबसच कर दोहुस्न-ए-महताब से मुलाकातसच कर दोमुलाक़ात में हुई जो बातसच कर दोबातों से पैदा हुए जज़्बातसच कर दोजज्बातों ने थामा मेरा हाथसच कर दोहाथों में हाथ वाला यह ख़्वाबसच कर दो
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कमरा
दिनभर की घुटन के बादमेरा कमरा सांस ले रहा हैएक बड़ी सी खिड़की केछोटे से हिस्से सेहल्की सी बारिश मेंपानी के छीटें अंदर आ रही हैंठंडी हवा का साथ लेकरऔर मेरे चेहरे पर जमी धूलभीग कर गिर रही है ज़मीं परपर्दा लहरा रहा हैकिसी महबूबा की दुपट्टे की तरहइस अंधेरे कमरे मेंरौशनी भी बादलों से…
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शाम, हुक्का और दिल
आज मैंने अपने दिल कोसीने से निकाल कररख दिया एक हुक्के परदिल के नीचे रखाकोयले का एक टुकड़ाजो बना है मेरे प्यार केतुम्हारे तगाफुल के नीचेदब जाने सेचिंगारी हमारे पहली मुलाकात कीऔर नीचेकुछ पल जो तुम्हारे साथ गुज़रेजो मेरी दिल से निकले धुएं कोठंडा करेंगे एक आखिरी बारपहला कश लेते हीवो हुक्का फुट के बिखर…