आज मैंने अपने दिल को
सीने से निकाल कर
रख दिया एक हुक्के पर
दिल के नीचे रखा
कोयले का एक टुकड़ा
जो बना है मेरे प्यार के
तुम्हारे तगाफुल के नीचे
दब जाने से
चिंगारी हमारे पहली मुलाकात की
और नीचे
कुछ पल जो तुम्हारे साथ गुज़रे
जो मेरी दिल से निकले धुएं को
ठंडा करेंगे एक आखिरी बार
पहला कश लेते ही
वो हुक्का फुट के बिखर गया
जैसे वो शीशे से नहीं
तुम्हारे झूठ से बना हो
और मेरे दिल का बोझ
उठाया न गया हो उस से
ज़मीं पर बिखरा पड़ा है
तगाफुल से बना हुआ कोयला
यादों से बना हुआ पानी
और मेरा सुलगा हुआ दिल
जिस में फ्लेवर तुम्हारे ग़म का है
और मैं
एक नए हुक्के की तलाश में हूं

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